वर्तमान में Google Chrome एक बहुत ही महत्वपूर्ण ब्राउज़र है। करोड़ों इंटरनेट यूजर्स ब्राउजिंग के लिए गूगल क्रोम ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं। अक्सर देखा जाता है कि Google Chrome में किसी साइट पर नेविगेट करने के दौरान एक पॉप-अप दिखाई देता है।
इस पर एक चेतावनी लिखी होती है - "आगे वाली साइट में मैलवेयर है"। इस चेतावनी का अर्थ है कि इस साइट पर क्लिक नहीं किया जाना चाहिए। इसके जरिए हैकर्स यूजर्स के डिवाइस को हैक कर सकते हैं और उनके अकाउंट से अहम जानकारियां चुरा सकते हैं।
कई बार तो लाखों रुपए की डिमांड भी कर देते हैं। यानी गूगल क्रोम के जरिए हैकर्स कई अहम जानकारियां चुराकर यूजर्स को ब्लैकमेल कर सकते हैं। लेकिन, इससे बचने का एक तरीका है। जो कि सभी Google Chrome यूजर्स के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
Google Chrome में हैकर्स और मैलवेयर से सुरक्षा के लिए एक विशेष सुविधा है। जिसका इस्तेमाल करके यूजर्स अपने डिवाइस को सेव कर सकते हैं। हालांकि बहुत कम इंटरनेट यूजर्स को इस बारे में सही जानकारी है। गूगल क्रोम के इस फीचर को सेफ ब्राउजिंग मोड कहा जाता है।
यूजर्स ब्राउजर सेटिंग में छोटे-छोटे बदलाव करके गूगल क्रोम के इस फीचर को इनेबल कर सकते हैं। आइए एक नज़र डालते हैं उस तरह से। Google Chrome में सुरक्षित ब्राउज़िंग मोड सक्षम करने के बाद,
वह ब्राउज़र खतरनाक URL की सूची में उपयोगकर्ताओं द्वारा देखी गई सभी साइटों की जाँच करता है। यह मोड खतरनाक साइटों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा को सक्षम करता है
और डेटा लीक के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से उपयोगकर्ताओं के ई-मेल और पासवर्ड की जांच करता है। इसके बारे में यूजर्स को अलर्ट भी भेजता है।
आइए देखें कि इस मोड को कैसे सक्षम किया जाए -सबसे पहले अपने Android डिवाइस पर Google Chrome ऐप खोलें। इसके बाद राइट कॉर्नर
में तीन डॉट्स पर क्लिक करें। इसके बाद सेटिंग ऑप्शन पर क्लिक करें।सेटिंग ऑप्शन में जाकर सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके
बाद सिक्योरिटी ऑप्शन पर क्लिक करें।वहां तीन विकल्प दिखाई देंगे- नो प्रोटेक्शन, स्टैंडर्ड प्रोटेक्शन और एनहांस्ड प्रोटेक्शन।ऐसे में यूजर्स को एन्हांस्ड प्रोटेक्शन ऑप्शन को चुनना होगा और उस पर क्लिक करना होगा। तब उपयोगकर्ता सुरक्षित रूप से ब्राउज़ कर सकते हैं।